Kisan Drone Yojana/ Agri Drone Scheme

ड्रोन खरीदने पर किसानों को मिलेंगे ₹5 लाख

किसान ड्रोन योजना: किसानों के लिए एक नई दिशा

कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की कमी और कृषि में रुझान कम होने के कारण महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे जा रहे हैं। सरकार द्वारा पिछले कुछ सालों में, कृषि क्षेत्र (agriculture) में technology को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। जैसे-जैसे विज्ञान में प्रगति हो रही है, वैसे ही कृषि क्षेत्र भी आगे बढ़ रहा है। ड्रोन को कृषि में एक क्रांति के रूप में देखा जा रहा है, और अब देश में एक बड़ी संख्या में लोग इनका उपयोग कर रहे हैं। किसान फसलों की सिंचाई, देखरेख (monitoring) और अन्य कार्यों के लिए ड्रोन का उपयोग करना पसंद करते हैं।

Kisan Drone Yojana क्या है?

केंद्र सरकार वर्तमान में देश के किसानों को तकनीकी खेती से जोड़ने के लिए सक्रियता दिखा रही है। इस संदर्भ में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “किसान ड्रोन योजना” की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, किसानों को उनके खेतों में कीटनाशक और पोषण तत्वों को छिड़काने के लिए ड्रोन खरीदने के लिए अनुदान प्रदान किया जाएगा। इस अनुदान को अनुसूचित जाति/जनजाति, छोटे और सीमांत किसान, महिलाएं, और पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को 50% या अधिकतम 5 लाख रुपए तक प्रदान किया जाएगा।

भारतीय सरकार अब कृषि क्षेत्र (agriculture sector) के किसानों को नई कृषि तकनीक से जोड़ने के लिए कदम उठा रही है। इसके तहत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “किसान ड्रोन योजना” की शुरुआत की है, और  इस योजना के तहत किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए पैसे मिलेंगे। ये ड्रोन कीटनाशक और पोषण सामग्री आदि को खेतों में डालने में मदद करते हैं। यह सहायता विभिन्न वर्गों के किसानों को दी जाएगी, जैसे कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, छोटे किसान, महिलाएं, और पूर्वोत्तर राज्यों के किसान, जिनमें वित्तीय सहायता 50% या अधिकतम 5 लाख रुपए हो सकती है।

इसके अलावा, ड्रोन खरीदने पर अन्य किसानों को 40% या अधिकतम 4 लाख रुपए और किसान उत्पादक संगठन (FPO) को 75% तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा। लेकिन कृषि ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (Agricultural Training Institute) या कृषि विज्ञान केंद्रों (Agricultural Science Centers) को 100% तक ड्रोन खरीदने पर अनुदान दिया जाएगा। किसान ड्रोन योजना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ जाएं

Kisan Drone Yojana/ Agri Drone Scheme का उद्देश्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा “किसान ड्रोन योजना (Kisan Drone Yojana)” की शुरुआत का मुख्य उद्देश्य देश भर के किसानों को कृषि ड्रोन खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस पहल का उद्देश्य है कि किसान अपने खेतों में उर्वरक और अन्य कीटनाशकों को कृषि ड्रोन की मदद से आसानी से और प्रभावी तरीके से फैला सकें। अब इस योजना के माध्यम से भारत के किसान सब्सिडी पर ड्रोन प्राप्त करके अपनी फसलों में कीट प्रबंधन करने के साथ-साथ समय और पैसे दोनों की बचत कर सकते हैं।

“किसान ड्रोन योजना” कृषि क्षेत्र में आधुनिकीकरण लाने के लिए मिशन बनाई है, जिससे कृषि के क्षेत्र में और भी विकास हो सके। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगाया है, जिससे देशभर में ड्रोन उद्योग के विकास को बढ़ावा मिलेगा।

 “किसान ड्रोन योजना” के मुख्य लाभ और विशेषताएं:

  • कृषि क्षेत्र में तकनीकी आधुनिकीकरण: इस योजना के माध्यम से कृषि क्षेत्र में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा मिल रहा है, जो किसानों की फसलों के उत्पादन में सुधार कर रहा है।
  • ड्रोन का सस्ता उपलब्ध: किसानों को ड्रोन प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता मिल रही है, जिससे इसकी कीमत कम हो रही है।
  • कीट प्रबंधन: कृषि ड्रोन का उपयोग कीट प्रबंधन के लिए किया जा सकता है, जिससे कीटों के प्रति अधिक प्रभावी रूप से नियंत्रण हो सकता है।
  • समय और श्रम की बचत: ड्रोन का उपयोग कृषि कामों को तेजी से पूरा करने में मदद करता है, जिससे किसानों का समय और श्रम बचता है।
  • फसल की गुणवत्ता में सुधार: ड्रोन के माध्यम से फसलों का नियत्रण किया जा सकता है, जिससे फसलों की गुणवत्ता में सुधार होता है।
  • आय में वृद्धि: ड्रोन के प्रयोग से फसलों के उत्पादन में वृद्धि होती है, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होती है।
  • ग्रामीण विकास: इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी विकास को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे वहाँ की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
  • कृषि मशीनरीकरण: इस योजना के तहत कृषि मशीनरीकरण को बढ़ावा मिल रहा है, जो कृषि कामों को सुधारने में मदद करता है।
  • तकनीकी ज्ञान का प्रशिक्षण: किसानों को ड्रोन के उपयोग का सही तरीका सिखाने के लिए तकनीकी ज्ञान का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
  • पर्यावरण सजावट: ड्रोन के प्रयोग से कृषि कामों को प्रभावी और पर्यावरण सहयोगी तरीके से किया जा सकता है, जिससे पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ती है।